गोकुलवाड़ी में कथा कथित छद्म पत्रकार द्वारा खुलेआम अतिक्रमण, शिकायतों के बावजूद प्रशासन खामोश

शिवगंज । क्या पत्रकार कहलाने मात्र से कानून को ताक पर रखा जा सकता है? क्या अधिकारियों की जी-हुजूरी और नेताओं की निकटता किसी को अतिक्रमण की खुली छूट दे सकती है? गोकुलवाड़ी क्षेत्र में छदम पत्रकार द्वारा किए गए अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामले ने इन सभी सवालों को जन्म दे दिया है।
जानकारी के अनुसार मकान मालिक ने आवासीय स्वीकृति लेकर आगे के भाग में दो कमर्शियल दुकानें बना रखी हैं, जो साफ तौर पर नियमन विरुद्ध हैं। यही नहीं, सार्वजनिक नाली की भूमि पर करीब 5 फीट तक कब्जा कर टंकी का निर्माण कर दिया गया है, जो अब सीधा सड़क पर आ चुकी है।

इसके अलावा, मकान की लाइन डोरी (रेखा) से 5–6 फीट आगे तक पौधे लगाए गए हैं, जिससे आम राहगीरों, बच्चों और दोपहिया व चारपहिया वाहनों के लिए आवागमन में भारी परेशानी हो रही है।
शिकायत हुई… लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं?
उसी गली के निवासी भैराराम माली ने इस गंभीर अतिक्रमण की शिकायत नगर पालिका व जिला कलेक्टर को लिखित रूप में दी थी। बावजूद इसके आज तक न कोई निरीक्षण हुआ न कोई नोटिस जारी हुआ और न ही कोई प्रशासनिक पहल। सवाल उठता है कि आखिर इतनी गंभीर शिकायत के बावजूद प्रशासन क्यों मौन है?
क्या ‘छद्म पत्रकारिता’ बन गई है संरक्षण का कवच?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि उक्त आतीक्रमी अपने आप को पत्रकार बताकर अधिकारियों के साथ मेलजोल और नेताओं से नजदीकी बनाए हुए है, जिसकी आड़ में वह बेधड़क नियमों को तोड़ रहा है। जबकि वर्तमान में कोई समाचार पत्र शिवगंज में नहीं आ रहा है।
तो क्या अब पत्रकारिता का इस्तेमाल निजी स्वार्थ,अवैध निर्माण और नियमों को कुचलने के लिए हो रहा है?

क्या नगर पालिका और प्रशासन ऐसे मामलों में भी निष्क्रिय रहेगा?
क्या सिरोही जिले में कानून का राज सिर्फ आम लोगों पर लागू होता है, कथित रसूखदारों पर नहीं?
जनता पूछ रही है – कब होगा एक्शन?
इस मामले ने शहरवासियों में नाराजगी और आक्रोश को जन्म दिया है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या इस तरह की मनमानी पर प्रशासन अंकुश लगाएगा या यह अतिक्रमण आगे भी यूं ही फलता-फूलता रहेगा? अब देखना होगा कि क्या नगर पालिका आंखें खोलेगी या फिर ‘पत्रकार’ की पहचान ही पूरे सिस्टम को धता बताने के लिए पर्याप्त है?
तथाकथित छदम पत्रकार ने निवर्तमान स्थानीय विधायक का वृदहस्त प्राप्त बताया जाता था लेकिन समय के साथ एक राजनीतिक दल के जिला अध्यक्ष का वृदहस्त प्राप्त किया एवं अभी सत्ता धारी दल के नेताओं के साथ उनकी नजदीकी बनाये बैठा है।
