शिवगंज। एक तरफ राज्य सरकार राईजनिंग राजस्थान का आयोजन कर प्रदेश में उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। दूसरी तरफ शिवगंज में एक उद्यमी को पट्टा जारी करने के बाद उसे कथित रूप से बिना किसी आधार के खारिज कर दिए जाने के छह माह बाद आखिरकार पालिका प्रशासन ने फिर से औद्योगिक संपरिवर्तन का पट्टा जारी कर उद्यमी को राहत प्रदान की है। इस बहुचर्चित मामले को लेकर अब स्वायत्त शासन विभाग ने शिवगंज नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रकाश डूडी को 17 सीसी का नोटिस थमाते हुए 15 दिवस के भीतर जवाब मांगा है।


गौरतलब है कि प्रदेश में उद्योगों को बढावा देने के लिए राज्य सरकार ने उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि के औद्योगिक संपरिवर्तन के लिए नियमों में छूट प्रदान की थी। सरकार की इसी नीति से प्रभावित होकर शहर के उद्यमी दिनेश बिंदल, मुकटलाल अग्रवाल व प्रेमचंद अग्रवाल ने चांदाना के समीप औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए 17 बीघा भूमि का संपरिवर्तन करवाने के लिए अप्रैल 2023 में आवेदन किया था। मामले को लेकर संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद नगर पालिका प्रशासन ने उद्यमियों को पट्टा जारी करने के लिए फरवरी माह में नियमानुसार 21 लाख रूपए के लगभग राशि जमा करवाने के लिए मांग पत्र जारी किया। जिस पर उद्यमियों ने पालिका प्रशासन को पट्टा जारी करने के लिए मांगी गई राशि भी जमा करवा दी। इस बीच तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रकाश डूडी ने इन उद्यमियों की संबंधित भूमि का 10 जून 2024 को पट्टा जारी कर दिया। इस बीच अधिशासी अधिकारी ने 25 जून 2024 को बिना कोई कारण बताए पट्टा खारिज कर दिया।
उद्यमियों ने की थी उच्च स्तर पर शिकायत
उद्यमियों की ओर से मांग के अनुसार राशि जमा करवाने और उसके बाद पट्टा जारी होते ही खारिज कर दिए जाने के मामले को लेकर उद्यमियों ने इसकी शिकायत स्वायत्त शासन विभाग, लोकायुक्त व भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से की। जिस पर जांच के दौरान स्वायत्त शासन विभाग ने ईओ को एपीओ भी किया। लेकिन वे राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश लाकर फिर से अधिशासी अधिकारी की सीट पर काबिज हो गए। लंबे समय तक यह मामला जिले के राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना रहा। इसकी प्रमुख वजह यह रही कि इस मामले से जुड़े एक उद्यमी दिनेश बिंदल स्वयं भाजपा के जिला पदाधिकारी है।
जिस आधार पर खारिज किया था पट्टा उसी आधार पर फिर जारी हुआ
नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ने यह कहते हुए पट्टा खारिज कर दिया था कि औद्योगिक संपरिवर्तन के लिए पालिका प्रशासन 10 हजार वर्गमीटर से अधिक भूमि का पट्टा जारी नहीं कर सकती। जबकि राज्य सरकार की अधिसूचना 26 जून 2023 के तहत पालिका स्तर पर गठित कमेटी की सिफारिश पर पालिका प्रशासन को इससे अधिक भूमि के लिए औद्योगिक संपरिवर्तन का पट्टा जारी किया जा सकता था। जिसका स्पष्ट उल्लेख स्वायत्त शासन विभाग की ओर से समय समय पर अधिशासी अधिकारी को जारी किए गए पत्रों में है। बावजूद इसके उद्यमियों को पालिका प्रशासन की ओर से फिर से पट्टा जारी कर राहत नहीं दी गई।
अब तत्कालीन अधिशासी अधिकारी को मिला 17 सीसी नोटिस
मामले को लेकर अब पालिका प्रशासन को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से मिले निर्देशों के अनुसार 26 जून 2023 को राज्य सरकार की उसी अधिसूचना के आधार पर ही उद्यमियों को 23 दिसंबर 2024 को फिर से संपूर्ण भूमि का पट्टा जारी कर राहत प्रदान की गई है। मामले को लेकर अब स्वायत्त शासन विभाग ने तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रकाश डूडी को बिना किसी विधिक आधार के पट्टे को निरस्त कर पदीय कत्र्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने एवं पद का दुरूपयोग करने के लिए आरोपित करते हुए 17 सीसी का नोटिस जारी कर 15 दिवस के भीतर लिखित रूप से जवाब देने के निर्देश दिए है।
इनका कहना है
जिस नियम के तहत पूर्व में पट्टा जारी किया गया था, वह स्पष्ट आदेश था, लेकिन पालिका में भ्रष्टाचार के चलते पट्टा जारी कर खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब स्वायत्त शासन विभाग ने राज्य सरकार की उसी अधिसूचना के आधार पर फिर से पट्टा जारी किया गया है। अधिशासी अधिकारी की ओर से पट्टा जारी करने को लेकर किए गए भ्रष्टाचार को लेकर लडाई आगे भी जारी रहेगी।
दिनेश बिंदल, अध्यक्ष उद्योग संघ, शिवगंज
मामले को लेकर स्वायत्त शासन विभाग की ओर से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद परिवादियों को औद्योगिक संपरिवर्तन पट्टा जारी कर दिया गया है।
विनीता प्रजापत, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका शिवगंज
