एनएसयूआई जिलाध्यक्ष के अभिनंदन समारोह में बोले पूर्व विधायक
शिवगंज। पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों का शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की ओर कोई फोकस नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति में जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का प्रावधान किया है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से बजट में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। लोढ़ा रविवार को अपने निवास पर एनएसयूआई के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष एडवोकेट चंपालाल तीरगर के अभिनंदन समारोह में मौजूद छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।

लोढ़ा ने कहा कि राजस्थान के छात्र शिक्षा क्षेत्र में अनेक जटिल समस्याओं का सामना कर रहे हैं। महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं, नई भर्तियां नहीं हो रही हैं और स्कूलों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो पाठ्यक्रम चल रहा है, वह अत्यंत पुराना है और वैश्विक परिवर्तनों से उसका कोई मेल नहीं है। विद्यार्थी आज भी केवल थ्योरी आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि प्रैक्टिकल पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
पूर्व विधायक ने छात्र राजनीति की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने छात्र संघ चुनाव नहीं करवाकर युवा नेतृत्व को उभरने का अवसर ही समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षित युवाओं का शोषण कर रही है।
लोढ़ा ने कहा कि आज की नीतियां शिक्षा को महंगा बनाकर निजीकरण को बढ़ावा देने वाली हैं। ऐसे में छात्रों और युवाओं को इन नीतियों के विरुद्ध संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक छात्र वर्ग संगठित होकर संघर्ष नहीं करेगा, तब तक शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सकता।
इससे पूर्व लोढ़ा ने एनएसयूआई के नए जिलाध्यक्ष चंपालाल तीरगर का पुष्प हार पहनाकर सम्मान किया और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष कुशाल सिंह देवड़ा, सुरेश सिंह राव, प्रकाश मीणा, रेशमा मीणा, पिंकी तीरगर, राहुल घांची सहित कई छात्र मौजूद रहे।
