
दिल्ली,सिरोही 30 जुलाई।माही एवं कडाना बांध का पानी जालौर सिरोही को उपलब्ध कराने को लेकर सांसद लुंबाराम चौधरी ने लोकसभा में आज मुद्दा उठाया।
सांसद चौधरी ने कहा कि जालोर और सिरोही दोनो जिला डार्क जोन घोषित है यहॉ पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नही है
खोसला कमेटी की रिपोर्ट 1 सितम्बर 1965 के अनुसार गुजरात राजस्थान के बीच बोर्डर पर कडाणा बांध बनाना प्रस्तावित था। उस समय दिनांक 01 अक्टूबर 1966 को राजस्थान एवं गुजरात सरकार के बीच माही जल बंटवारा समझौता में कडाणा बांध का निमार्ण हुआ
समझौते के अनुसार गुजरात के खेडा जिले को कडाणा बांध से पानी तब तक मिलेगा जबतक नर्मदा का पानी खेडा जिला मे नही आता है चुकि अब 2005 नर्मदा का पानी गुजरात के खेडा जिले को मिल रहा है तो स्वत ही समझौते के अनुसार कडाना और माही बांध के पानी का 2/3 भाग राजस्थान के सिरोही जालोर तय हो चुका था। जो समझौता के अनुसार सिरोही जालोर को पानी मिलना था
कडाना बांध का ओवर फलो हो कर सुफलान सुजलाम नहर के द्वारा पानी समुद्र मे जा रहा है वापकॉस कम्पनी गुडगाव द्वारा सर्वे किया गया है जिसमे बताया गया कि 37 साल में 27 बार ओवरफलो होकर 1.30 लाख एमसीएम पानी समुद्र मंे बहकर बर्बाद हो गया है।अध्यक्ष महोदय मेरा निवेदन है कि सुजलाम सुफलाम नहर को सुदृढिकरण कर नर्मदा कैनाल में जोडा जाए जिससे की जालोर सिरोही को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाए।
