जवाई नदी का अवैध खनन से हो रहा सीना छलनी, मिलीभगत की आ रही बू
आखिर कार्रवाई के नाम पर सभी ने क्यों साधे रखी है चुप्पी?

शिवगंज – अवैध बजरी परिवहन पर नकेल के दावे फुस्स साबित हो रहे हैं। शहर में इन दिनों बजरी माफिया बेलगाम हो रहा है। हाल ये है कि तडक़े से ही शिवगंज व पालड़ी एम समेत अन्य स्थानों से बजरी लदे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां दौड़ती हुई नजर आए जाएगी। सुबह के शांत वातावरण को ट्रेक्टर-ट्रॉलियों की रफ्तार लोग इनके आने की आहट मिल जाती है। लेकिन जिम्मेदार महकमों को यह नजर नहीं आ रहा है। हाल ये हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे हो या फिर आम सडक़ इनकी आवाजाही बदस्तूर जारी है। बता दें कि बजरी रोकने के लिए उपखंड पुलिस और ज्वाइंट टीम अभी तक कोई प्लान पर कार्य नहीं कर पाई है। नतीजा ये हुआ कि बजरी माफिया के हौसले बुलंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के बजरी खनन और उसके परिवहन पर रोक लगाए हुए कुछ माह हो चुके हैं लेकिन बजरी माफिया हैं कि आप के घर तक बजरी पहुंचाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं. इतनी हिम्मत करने वाले बजरी माफिया का पुलिस खुलकर सहयोग कर रही है जवाई नदी में अवैध खनन से पड़े कई विशालकाय गड्ढे ,जवाई नदी क्षेत्र से बजरी के अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है। कभी-कभी खनिज विभाग और पुलिस की ओर से कार्रवाई की जाती है तो कुछ दिन के लिए अवैध खनन करने वाले अपनी गतिविधियों को कम कर देते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद अवैध बजरी की ओवरलोड भरी ट्रॉलियों फिर सड़कों पर दौडऩा शुरू हो जाती है।

वर्षों से हो रहे अवैध खनन से नदी का सीना छलनी हो गया है और बजरी की ओवरलोड ट्रॉलियों से सड़कों का दम निकल चुका है। शहरवासियों ने बताया कि अवैध खनन के लिए दिनरात चलती जेसीबी और दौड़ती टै्रक्टर-ट्रॉली लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अवैध बजरी खनन की ट्रॉलियां रात क्या दिन में भी दौड़ती है। जिसके लिए गुप्त रास्तों का इस्तेमाल भी किया जाता है। जवाई व सुकड़ी नदी क्षेत्र से प्रतिदिन 100 से 150 ट्रॉलियां अवैध बजरी खनन की निकलती है।

ऑर्डर दो और बजरी लो…
शहर में अवैध बजरी की सप्लाई इस कदर हो रही है कि ऑर्डर मिलने के कुछ ही घंटों में जवाई नदी की बजरी सप्लाई हो जाती है। सादा ट्रॉली और डबल फंटा कैसी चाहिए, सब कुछ उपलब्ध है। डबल फंटा यानी ओवरलोड माल, एक ही ट्रॉली में दोगुना माल होता है। बजरी माफिया शहर भर में चल रहे निर्माण स्थलों पर तडक़े और रात के समय ज्यादातर अवैध बजरी सप्लाई करते हैं। हालांकि, दोपहर में भी ये बजरी लदे ट्रेक्टर निकालने से नहीं चूकते हैं।
