पालिका अधिशासी अधिकारी सुश्री विनिता प्रजापति ने पालिका सभा भवन में सभी व्यापारियों के साथ बैठक का लिया निर्णय

शिवगंज । शिवगंज मुख्य सड़कों पर बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अधिशासी अधिकारी ने मंगलवार को बाजार का दौरा किया। दुकानों प्रतिष्ठानों के बाहर सड़कों पर अस्थायी अतिक्रमणों का जायजा ने लिया।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी विनीता प्रजापति के साथ स्वास्थ्य निरीक्षक नरेश कुमार डांगी व वीरेंद्र सिंह भी थे।
अधिशासी अधिकारी ने पुराना बस स्टैंड, आरके कॉम्पलेक्स के बाहर, कलापुरा रोड, अग्रसेन रोड, गांधी चौक, हलवाई बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, होली चौक, धान मंडी क्षेत्र का दौरा किया। सड़कों पर सामान, ठेले व बाइक अव्यवस्थित रूप से खड़े किए जाने पर संबंधित व्यापारियों व नागरिकों को निर्देश दिए।
अधिशासी अधिकारी विनीता प्रजापति ने बताया कि मकर संक्रांति पर 7 दुकानों का निरीक्षण कर पता किया कि प्रतिबंधित मांझा तो नहीं बिक रहा। डेढ़ किलो प्रतिबंधित प्लास्टिक प्रतिबंध बैग बरामद किए। सड़कों पर कई जगह सामान, हाथ ठेले लगाकर अस्थायी अतिक्रमण किए जाने से दिनभर सड़कें संकडी़ रहती हैं। इस व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर पालिका के सभागार में व्यापारिक, धार्मिक, सामाजिक व राजनीति संगठनों की बैठक कर सुझावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रशासन व्यापारियों को व राजनीतिक संगठनों से सुझाव भी लेते हैं और यातायात व्यवस्था सुधारने की बात भी करते हैं लेकिन कुछ दिन बाद वही ” ढा़क के तीन पात ” वाली कहावत चरितार्थ होती है। जब समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ऐसी खबरें प्रकाशित होती है तो सिर्फ खानापूर्ति की जाती है ना ही स्थाई अतिक्रमण नहीं करने की कार्रवाई की जाती हे।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दुकानदार अपनी दुकान के आगे जो नगर पालिका का आम रास्ता है उसको अन्य फुटकर व्यवसाईयों को किराए पर देकर रास्ते को संकडा़ बना देते हैं। जैसे महल केफे से लेकर गोल बिल्डिंग, गोल बिल्डिंग से होली चौक एवं गोल्ड बिल्डिंग से अंबिका चौक एवं तक बने बीच में केबिन नगर पालिका द्वारा दिए गए नाप से अधिक जगह में अतिक्रमण किया हुआ है और उनके आगे पीछे फुटकर व्यवसाईयों को किराए पर दे रखा है एवं अग्रसेन मार्ग पर भी ठेले वाले दुकानों के आगे स्थाई रूप से खड़े रहते हैं जिससे रास्ता संकड़ा हो जाता है और राहगीरों को चलने में भी दुविधा होती है।
सूत्र यह भी बताते हैं की उपखंड अधिकारी मिश्र जों पालिका अधिकारियों के जाने के बाद महज़ खानापूर्ति के लिए शिवगंज बाजार का दौरा कर लौट गए। आखिर प्रशासक के रूप में नियुक्त एसडीएम पालिका अधिकारियों के साथ क्यों नहीं आए नजर? क्या उपखंड के सबसे उच्च पद पर बैठे अधिकारियों का ऐसा रवैया शहर में किस संदेश को देता नजर आएगा?
