मेवाड़ शौर्य व त्याग की भूमि के साथ संस्कृत के अभ्युदय की धरती भी है- प्रियंका जोधावत

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उदयपुर। मेवाड़ की धरती शौर्य एवं त्याग की भूमि होने के साथ-साथ संस्कृत भाषा के अभ्युदय की धरती भी है। महाराणा राजसिंह के शासनकाल में संस्कृत में रचित ग्रंथ राज-प्रशस्ति ने संस्कृत भाषा के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसी मेवाड़ धरा पर संस्कृत दिवस अंतर्गत राज्य स्तरीय संस्कृत विद्वत्जनसम्मान समारोह आयोजित होना मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के दूरदृष्टि का परिचायक होने के साथ ही गर्व का विषय भी है।

यह विचार प्रदेश की संस्कृत शिक्षा आयुक्त प्रियंका जोधावत ने बुधवार को होटल कजरी में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से चर्चा के दौरान व्यक्त किए। जोधावत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए हैं। वेद विद्यालयों की स्थापना हो या वैदिक गुरूकुल की अवधारणा को धरातल पर लाना, सरकार ने नवाचारों के माध्यम से देवभाषा संस्कृत की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि की है। झीलों की नगरी उदयपुर में राज्य स्तरीय आयोजन कर एक बार फिर सरकार ने संस्कृत के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शित किया है। इस आयोजन में संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के व्यापक दृष्टिकोण की महती भूमिका रही है। उन्होने ही जयपुर से बाहर इस आयोजन का विचार सामने रखा और पिछले वर्ष कोटा में सफल आयोजन के पश्चात इस वर्ष आयोजन का दायित्व मेवाड़ को सौंपा।

जोधावत ने कहा कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विभिन्न कार्यों हेतु समितियों का गठन कर कार्यभार सौंप दिये गए थे। समितियों ने दिन-रात मेहनत कर आयोजन की सारी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान संस्कृत शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी अभय सिंह राठौड़, निदेशालय के वरिष्ठ उपनिरीक्षक भरत कुमार, संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी नत्थू राम शर्मा, भगवती शंकर व्यास, आयोजन हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति सदस्य रामानुज पांडेय, शिवचरण शर्मा, पीयूष दशोरा, राममोहन शर्मा एवं पूर्व संभागीय अधिकारी कमल किशोर चोटिया उपस्थित रहे। राजस्थान सरकार की संस्कृत शिक्षा जयपुर कि आयुक्त प्रियंका जोधावत ने बताया कि विधानसभाध्यक्ष प्रो.वासुदेव देवनानी के मुख्य आतिथ्य एवं संस्कृत मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में गुरूवार को सुखाड़िया रंगमंच सभागार में यह सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सारस्वत अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृत विश्व विद्यालय जयपुर के निदेशक प्रो. वाई एस रमेश उपस्थित रहें। शहर विधायक ताराचंद जैन व ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। आशीर्वाद प्रदाता के रूप में उत्तम स्वामी एवं माकड़ादेव आश्रम झाड़ोल के संत गुलाबदास महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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जवाई पुलिया हुआ खोखला, शिवगंज सुमेरपुर के बीच आवागमन हुआ प्रभावित – पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शीघ्र मरम्मत की उठाई मांग – लोढ़ा ने कहा,यह सरकार का निकम्मापन की स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी पूल का निर्माण नहीं शिवगंज। जवाई बांध से छोड़े गए प्रचुर मात्रा में पानी के कारण जवाई पुलिया की स्थिति गंभीर हो गई है। इसका अवलोकन करने के लिए सोमवार को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जवाई पुलिया पहुंचे। उन्होंने पुलिया का निरीक्षण किया और उसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। मीडिया से बातचीत में संयम लोढ़ा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूर्णतः निकम्मापन है। वर्ष 2024 में जवाई पूल के निर्माण की स्वीकृति हो गई थी, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि अब बांध से पानी छोड़ने के कारण पुलिया के अंदर की संरचना पूरी तरह खोखली हो चुकी है। नुकसान का सही आकलन तो पानी के बंद होने के बाद ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने रविवार को दावा किया था कि दो दिन में पुलिया से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन पुलिया की वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा सम्भव नहीं लगता। जवाई बांध में अभी भी भारी पानी की आवक बनी हुई है, जिससे कई दिनों तक निकासी जारी रहेगी और नदी में पानी का तेज बहाव बना रहेगा। पुलिया डेमेज होने के कारण आम नागरिकों को शिवगंज से सुमेरपुर पहुंचने में आधा घंटा अतिरिक्त समय लग रहा है। पूर्व विधायक लोढ़ा ने पीडब्ल्यूडी विभाग से सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्य शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिया के खंबे भी टूट चुके हैं, जिसका आकलन कर युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जाए, ताकि आमजन को इस कठिनाई का सामना लंबे समय तक न करना पड़े। संयम लोढ़ा ने यह भी सुझाव दिया कि पुल के निर्माण को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है, इसलिए रिवर फ्रंट साइड को नुकसान न पहुंचाते हुए रपट वाली साइड में पूल को 4 मीटर तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह रिवर फ्रंट शिवगंज-सुमेरपुर के लोगों के लिए एक प्रिय जगह बन चुकी है, अतः इसका सौंदर्य एवं उपयोगिता दोनों बरकरार रखी जाए।

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