टोंक के अलीगढ़ में भीड़ द्वारा पत्रकारों पर किए हमले का विरोध

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शिवगंज (सिरोही)। टोंक जिले के अलीगढ़ में सड़क अवरुद्ध कर प्रदर्शन कर रही भीड़ को कवरेज करने के दौरान पत्रकार अजीतसिंह शेखावत और कैमरामैन धर्मेन्द्र पर अचानक भीड़ द्वारा हमला करने की घटना को लेकर पुरे प्रदेश के पत्रकारों में ज़ोरदार आक्रोश हैं। इसी को लेकर आज सिरोही जिले के शिवगंज में पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे की शिवगंज उपखंड ईकाई ने भी अपना विरोध दर्ज करवाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम शिवगंज एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विक्रमसिंह करनोत के नेतृत्व में शिवगंज उपखंड के अनेकों पत्रकार एसडीएम कार्यालय पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करवाने की मांग की। प्रदेश प्रतिनिधि विक्रमसिंह करनोत ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में हमारा संगठन पिछले 8 वर्षों से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू की मांग करता आ रहा हैं। और इस हेतु प्रदेश भर से पत्रकारों ने पिछली सरकार के दौरान दो बार विधानसभा का घेराव भी किया गया था। लेकिन सरकार ने आज दिन तक सिर्फ आश्वासन ही दिए हैं। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु अभी तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। सरकार के इस ढुलमुल रवैए के कारण ही आए दिन प्रदेश के कई पत्रकारों पर हमले की घटनाएं सामने आती हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

करनोत ने कहा कि प्रदेश सरकार को स्वच्छ लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोकतंत्र के चौथे प्रहरी को सुरक्षित करना नितांत आवश्यक हैं। देश की आजादी में मीडिया ने महत्ती भूमिका निभाई थी। और आज भी मीडिया देश के लोकतंत्र को सजीव रखने में हमेशा तत्परता से कार्य कर रहा हैं। लेकिन लोकतंत्र को कमजोर करने वाली शक्तियां लगातार मीडियाकर्मियों पर हमले करके लोकतंत्र के प्रहरी को खत्म करना चाहते हैं। मीडिया को संरक्षण देने के लिए सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना ही चाहिए। ताकि पत्रकार सुरक्षा भाव के साथ अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन कर सके।

आज के इस ज्ञापन कार्यक्रम के दौरान संगठन के जिला प्रवक्ता हेमंत अग्रवाल, शिवगंज ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल परिहार, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष मनोज शर्मा, वरिष्ट पत्रकार कुंदनमल राठी, किशोर परिहार, कल्पना माली, प्रवीण सिंह राव, जगदीश कुमार, वनेसिंह सहित कई पत्रकार साथी मौजूद रहे।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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जवाई पुलिया हुआ खोखला, शिवगंज सुमेरपुर के बीच आवागमन हुआ प्रभावित – पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शीघ्र मरम्मत की उठाई मांग – लोढ़ा ने कहा,यह सरकार का निकम्मापन की स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी पूल का निर्माण नहीं शिवगंज। जवाई बांध से छोड़े गए प्रचुर मात्रा में पानी के कारण जवाई पुलिया की स्थिति गंभीर हो गई है। इसका अवलोकन करने के लिए सोमवार को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जवाई पुलिया पहुंचे। उन्होंने पुलिया का निरीक्षण किया और उसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। मीडिया से बातचीत में संयम लोढ़ा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूर्णतः निकम्मापन है। वर्ष 2024 में जवाई पूल के निर्माण की स्वीकृति हो गई थी, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि अब बांध से पानी छोड़ने के कारण पुलिया के अंदर की संरचना पूरी तरह खोखली हो चुकी है। नुकसान का सही आकलन तो पानी के बंद होने के बाद ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने रविवार को दावा किया था कि दो दिन में पुलिया से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन पुलिया की वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा सम्भव नहीं लगता। जवाई बांध में अभी भी भारी पानी की आवक बनी हुई है, जिससे कई दिनों तक निकासी जारी रहेगी और नदी में पानी का तेज बहाव बना रहेगा। पुलिया डेमेज होने के कारण आम नागरिकों को शिवगंज से सुमेरपुर पहुंचने में आधा घंटा अतिरिक्त समय लग रहा है। पूर्व विधायक लोढ़ा ने पीडब्ल्यूडी विभाग से सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्य शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिया के खंबे भी टूट चुके हैं, जिसका आकलन कर युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जाए, ताकि आमजन को इस कठिनाई का सामना लंबे समय तक न करना पड़े। संयम लोढ़ा ने यह भी सुझाव दिया कि पुल के निर्माण को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है, इसलिए रिवर फ्रंट साइड को नुकसान न पहुंचाते हुए रपट वाली साइड में पूल को 4 मीटर तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह रिवर फ्रंट शिवगंज-सुमेरपुर के लोगों के लिए एक प्रिय जगह बन चुकी है, अतः इसका सौंदर्य एवं उपयोगिता दोनों बरकरार रखी जाए।

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