पूर्व विधायक संयम लोढ़ा व कांग्रेस नेता हरिशंकर मेवाड़ा ने पोयना में आयोजित प्रतिष्ठा महोत्सव में लिया भाग

शिवगंज। पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि इंसान को उसके कर्म के आधार पर स्वर्ग ओर नरक की अनुभूति इसी जन्म में होती हैं। आप जैसा कर्म करोगे उसी आधार पर आपको उसका फल भी मिलेगा। लोढ़ा शुक्रवार की देर शाम पोयना गांव में अम्बे माता मंदिर की प्रतिष्ठा महोत्सव पर आयोजित समारोह में उपस्थित जन समूह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में सुमेरपुर के पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा ने भी शिरकत की।
लोढ़ा ने एक कहानी को स्वर्ग ओर नरक को अनुभूति का आधार बनाते हुए कहा कि एक चित्रकार ने सोचा कि वह एक ऐसा चित्र बनाए जिसमें उसे परमात्मा की झलक मिले,साथ ही मोक्ष ओर शांति की भी झलक हो। यह सोच वह गांव गांव, ढाणी ढाणी घुमा लेकिन उसे ऐसा दृश्य नहीं दिखाई दिया। आखिरकार वह एक पहाड़ पर पहुंचा, जहां एक गडरिया अपने पशु चरण रहा था। इस व्यक्ति में चित्रकार को उसके शांत चेहरे में परमात्मा की झलक दिखाई दी। उसने उस गडरिए का चित्र बना लोगो के सामने पेश किया, जिसकी खूब सराहना हुई। लोढ़ा ने कहा कि इसके बीस साल बाद उसी चित्रकार ने ऐसा चित्र बनाने का सोचा जिसमें नरक व अशांति की झलक मिले। इसके लिए वह शराब के अड्डों, कोठों ओर जुआघरों में गया मगर वह जो चित्र बनाना चाहता था वह नहीं मिला। अंत में वह एक जेल में गया जहां एक कैदी के चेहरे पर अशांति ओर नरक की अनुभति मिली। जिस पर उसने उसका चित्र बना पुराने ओर नए दोनों चित्रों को पास रखकर तुलना करने लगा। तभी पीछे से उस कैदी के रोने की आवाज आई,तो चित्रकार ने कहा कि मेरी तो आज कला पूर्ण हो गई मैने स्वर्ग ओर नरक दोनों की झलक के चित्र बना दिए तू रोता क्यों है। तब कैदी ने कहा कि तुम्हारी तो कला पूर्ण हो गई मगर बीस साल पहले तुमने जो चित्र बनाया था ओर जो आज बनाया है वह दोनों मेरे ही हैं। लोढ़ा ने कहा कि स्वर्ग ओर नरक हमारे कर्मो के आधार पर ही जीवन में तय होते हैं। आप जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल भी आपको मिलेगा। भामाशाहों का जताया आभार

इस मौके पर लोढ़ा ने गांव के भामाशाहों के सहयोग से मां शक्ति के मंदिर निर्माण के लिए साधुवाद देते हुए कबीर दास जी का दोहा सुनाते हुए कहा कि चिड़िया चोंच भर ले गई नदी न घाटियों नीर, दान किए धन न घटे कह गए दास कबीर। लोढ़ा ने कहा कि यदि आपने धन अर्जित किया है तो धर्मार्थ के कार्य में उसका उपयोग करे। लोढ़ा ने नारी का सम्मान करने की अपील करते हुए नारी को शक्ति का रूप बताया। लोढ़ा ने कहा कि हमें धन चाहिए तो हम लक्ष्मी की उपासना करते हैं, विद्या के लिए सरस्वती की ओर स्वाभिमान के लिए मां पार्वती की पूजा करते हैं। सनातन धर्म में नारी सदैव ही पूजनीय रही हैं। कार्यक्रम को सुमेरपुर के पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा ने भी संबोधित किया। कई धार्मिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
इस तीन दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान हवन सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस मौके पर भजन संध्या के आयोजन में भजन कलाकारों ने देर रात तक श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर किया।
