
जवाल। पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि कृष्णावती नदी को बचाने के लिए अपनी जान भी देनी पड़े तो मैं तैयार हूं। एक दिन मरना तो है ही, लेकिन यदि नदी के खातिर मरेंगे तो ऊपर भी सही स्थान मिलेगा। उन्होंने कहा कि कल से आमरण अनशन शुरू करे और यदि 22 गांव इजाजत दे तो सबसे पहले अनशन पर मैं बैठूंगा और यदि आप लोग यह कहे कि दूसरे लोग बैठेंगे तो जब भी गांववासियों का आदेश होगा तो मैं नदी को बचाने के लिए आमरण अनशन पर बैठूंगा। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा कृष्णावती नदी जावाल सिरोही में लीज धारक द्वारा किए जा रहे अंधाधुंध खनन के विरोध में 22 गांवों के नागरिकों की ओर से दिए जा रहे धरने को संबोधित कर रहे थें।

संयम लोढ़ा ने कहा कि अभी कुछ लोग राज के अहंकार में डूबे हुए हैं, बजरी माफिया के सांठ गांठ कर रहे है। झूठा मुकदमा करना, लोगों का उत्पीड़न करना वर्दी का रूप बताकर जनता को डराना इनका सिर्फ यही कार्य रह गया है। सिरोही का प्रशासन इनके हाथ में है।
लोढ़ा ने कहां कि जनता के हाथ में बहुत बड़ी ताकत होती है यदि यह 22 गांव के लोग अभी ऐलान कर दे कि हम कल जिला कलेक्टर का घेराव करेंगे तो जिला प्रशासन क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी जावाल की जनता की बात को सुनना पड़ेगा। हमें मन में कोई कमजोरी नहीं रखती है, कौन से रास्ते पर जाकर लड़ाई लड़नी है यह आप लोग तय करो, हम तन मन धन से आपके साथ हैं। 22 गांव के लोगों की इस लड़ाई में मैं साथ हूं और हमेशा रहूंगा।

लोढ़ा ने कहा कि यदि राज के रास्ते से कोई पार नहीं पड़ रही है, आपकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लड़ाई के दो ही रास्ते हैं या तो मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या का समाधान हो या फिर आंदोलन का रास्ता तय किया जाए।
लोढ़ा ने कहा कि जो यह लीज धारक पैसों से सक्षम हैसी गुंडागर्दी करते हैं, ताकतवर हैं इसलिए लड़ाई बहुत हिम्मत और प्रतिबद्धता के लड़नी पड़ेगी और आंदोलन को अधिक परिपक्व करना पड़ेगा।
