
जिला अस्पताल में धरनार्थियों के द्वारा लगाया गया टेंट अब, वहां आगे की रूपरेखा को लेकर किया जा रहा मंथन
डॉक्टर को निलंबित करने की मांग पर अड़े समाज बंधु
प्रसूता कक्ष में महिला की मौत के बाद लगभग 8 घंटे से जारी धरना प्रदर्शन
एसडीएम व डीएसपी के साथ वार्ता के 8 दौर चले
सांय 7:30 बजे बाद जिला अस्पताल पहुंचे एडीएम डॉक्टर दिनेश राय सपेला

शिवगंज । जिला अस्पताल में बुधवार को खिवांदी निवासी सुरेश कुमार मेघवाल की पत्नी उषा देवी की मौत के विरोध में परिजन एवं मेघवाल समाज के लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया। डॉक्टर अनुपम लता को सस्पेंड करवाने, मृतका के आश्रित को उचित मुआवजा व मेडिकल बोर्ड में अन्य जिले के डॉक्टरों को सम्मिलित करवाने की मांग को प्रदर्शन किया। रात में दिनेश राय सापेला भी पहुंचे समझाइश के लिए करीब एक घंटे तक वार्ता की। लेकिन बेनतीजा रही। शिवगंज एसडीएम नीरज मिश्र ने बताया कि धरनार्थियों की मांगनुसार मृतका उषा के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए 5 डॉक्टरों की टीम पाली जिले से शिवगंज जिला अस्पताल पहुंच गई है, जिसमें 3 डॉक्टर पाली व 2 डॉक्टर बाली से आए हैं। परिजन डॉक्टर को सस्पेंड करने की मांग को लेकर अड़े रहे।
शिवगंज, जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन करने हुए लोग।

धरने पर बैठे मृतका के परिजनों एवं समाज के प्रमुख लोगों से एसडीएम नीरज मिश्र व डीएसपी पुष्पेंद्र वर्मा, तहसीलदार श्याम सिंह चारण व थानाधिकारी बाबूलाल राणा , पीएमओ डॉक्टर अखिलेश पुरोहित,भाजपा की ओर से मंडल अध्यक्ष ताराराम कुमावत, महामंत्री कुंदनमल राठी सभी ने अलग-अलग 8 बार वार्ता की व अंतिम दौर पर एडीएम डॉक्टर दिनेश राय सपेला ने धरनार्थियों से वार्ता की, लेकिन धरनार्थी अपनी मांगों पर अड़े रहे। उन्होंने कहा डॉ. अनूप लता जाखलिया को निलंबित करने के बाद ही पोस्टमार्टम होगा। 7.30 बजे पुलिस ने अस्पताल के प्रवेश द्वार से लोगों को धरना स्थल जाने की सलाह दी, वे हटने को तैयार नहीं हुए।

धरना प्रदर्शन में उषा का पति सुरेश कुमार, चांदाना के प्रताप पारंगी, जसवंत कुमार, ललित मेघवाल, मोतीलाल व व घीसुलाल समेत काफी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे। डीएसपी पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि उषा देवी के परिजन की ओर से थाने में रिपोर्ट दी, जिस पर मर्ग दर्ज कर मामले की जांच प्रारंभ की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं चिकित्सा विभाग की गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मुकदमा दर्ज करना संभव होगा। वर्तमान में डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता है।
