पहला अंतरराष्ट्रीय कला केंद्र का उद्घाटन अंदौर गांव में

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अन्दौर गांव में पहला अंतर्राष्ट्रीय कला केंद्र का उद्घाटन के साथ “आकड़ो ” कला प्रदर्शनी

सिरोही/अंदौर । सिरोही जिले के अन्दौर गांव में पहला अंतर्राष्ट्रीय कला केंद्र “हिंज आर्ट्स स्पेस” का उद्घाटन किया गया, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कलाकारो की प्रदर्शनी “आकड़ो ” की शुरुआत सिरोही जिले के वरिष्ठ कलाकार आर एस राठौर के साथ दिपक अग्रवाल द्वारा फिता काटकर “आकड़ो” कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया । इस आयोजन को सफल बनाने में “फार्म स्टूडियो” के संस्थापक वागाराम चौधरी और सह संस्थापक कनाडा की मोनिक, रोमेको का महत्वपूर्ण सहयोग रहा ।

इस अंतर्राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी “आकड़ो ” में अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ताइवान के चार कलाकारों ने भाग लिया। “हिंज आर्ट्स स्पेस” अन्तराष्ट्रिय कला केन्द का उद्देश्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के बीच एक संवाद स्थापित करना है, जहां वे अपने विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकें। यह कला केंद्र अन्दौर गांव और इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखते हुए कला के नए स्वरूपों को प्रस्तुत करने का कला मंच के द्वारा कला की नई सभावनाओ को ग्रामीण स्तर पर प्रदान करता रहेगा।

इस में प्रदर्शनी का स्थानीय विशाल आक पौधे से प्रेरित है। यह प्रदर्शनी उन कलाकारों के अनुभवों को दर्शाती है जिन्होंने अन्दौर गांव के आसपास के रेगिस्तान और वनस्पति से प्रेरणा ली और इसे अपनी कलाकृतियों में अभिव्यक्त किया। चार सप्ताह तक यहां समय बिताने के बाद, कलाकारों ने अपने कार्यों के माध्यम से “आकड़ो ” एक अनोखा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

ओलिविया सेज हैमिल्टन (न्यूयॉर्क सिटी, अमेरिका) ने अन्दौर गांव और न्यूयॉर्क के बीच के विपरीत अनुभव को दर्शाते हुए कागज पर गुआश से छोटी पेंटिंग्स बनाईं, जो यहां की प्रकृति के रंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती हैं। न्यूयॉर्क में बड़े पैमाने पर तेल रंग की पेंटिंग करने वाली ओलिविया के लिए यह एक नया प्रयोग था। उन्होंने मिट्टी की छोटी मूर्तियां भी बनाई, जिन्हें स्थानीय कुम्हारों की पारंपरिक भट्टी में पकाया गया।

लारा हेटिंग (दक्षिण अफ्रीका)] जो आमतौर पर तेल रंग का उपयोग करती हैं, ने अपने आप को चुनौती देते हुए कागज पर एक्रिलिक रंग से मध्यम आकार की पेंटिंग्स बनाई। प्रकृति से गहरे रूप में जुड़ी लारा की पेंटिंग्स में आध्यात्मिकता की गहराई साफ झलकती है।

नाई  (ताइवान) जो एक सेट डिज़ाइनर और इलस्ट्रेटर हैं, ने अपने राजस्थान के अनुभव के दौरान देखे गए फूलों और जीवन चक्रों को पेंटिंग्स के माध्यम से दर्शाया। उनका कला अभ्यास सिरेमिक्स, परफॉर्मेंस आर्ट और आर्ट-फिल्म निर्माण जैसे माध्यमों को भी शामिल करता है, जिन सभी का उन्होंने फार्म स्टूडियो में प्रयोग किया।

लैइला यूजिनो (अमेरिका) हिंज आर्ट्स स्पेस की इमारत के बाहरी हिस्से में एक विशाल म्यूरल (भित्ति चित्र) लैइला द्वारा बनाया गया है। उन्होंने इस म्यूरल को पूरा करने के लिए कई हफ्तों तक प्रतिदिन बारह घंटे पेंटिंग की। यह रंगीन म्यूरल एक राजस्थानी महिला को दर्शाता है, जो प्रतीकात्मक रूप से पानी की बूंदों के माध्यम से एक गांव को जीवन देती है, जिससे एक हरा-भरा जंगल और समुदाय विकसित होता है। उनकी बाल-सुलभ ब्रश स्ट्रोक्स एक स्वप्निल परिदृश्य की अनुभूति कराते हैं।

इस प्रदर्शनी में सभी कलाकारों के साथ कला प्रेमी भैराराम चौधरी, ,मुकेश पटेल, नरेश नागर, महेन्द्र मीना, भरत प्रजापत, भुराराम प्रजापत, गोविन्द सुआरा हरीश के, दौलाराम व गाँव की महिलाए व बच्चों के साथ उपस्थित होकर कला प्रदशर्नी का अवलोकन कर प्ररेणा ली। आगंतुकों ने कलाकारों के अनुभवों और राजस्थान की अद्वितीय संस्कृति के साथ उनके जुड़ाव को बहुत सराहा। यह प्रदर्शनी 27 अक्टूबर तक चलेगी ।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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