गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना 250 वर्मी कंपोस्ट इकाईयां बनेगी

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गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना 250 वर्मी कंपोस्ट इकाईयां बनेगी

गोवंश से तैयार जैविक खाद के उपयोग से सुधरेगा मृदा का स्वास्थ्य और बढ़ेगी उर्वरा शक्ति

सिरोही। कृषि पराशर में यह उल्लेखित है कि “कृषि से धन और ज्ञान प्राप्त होते हैं तथा कृषि ही मानव जीवन का आधार है।“ राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसी अवधारणा के साथ कृषि बजट 2024-25 में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए ब्लॉक स्तर पर 50-50 कृषकों को गोवंश से जैविक खाद उत्पादन करने के लिए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना प्रारंभ करते हुए रुपये 10000 प्रति कृषक तक की सहायता दिए जाने की घोषणा की है।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा ने बताया कि विभाग की गाइडलाइन के अनुसार अनुदान के लिए पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, मापदंड के संबंध में विभिन्न निर्देश जारी किए गए है।

अनुदान के लिए पात्रता

कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व रखने वाले आवेदक कृषक जिनके पास कम से कम पांच गोवंश हो, गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना अंतर्गत अनुदान के लिए पात्र होंगे। खातेदार कृषक आपसी सहमति के आधार पर एक ही खतरे में अलग-अलग वर्मी कंपोस्ट इकाई बनाने पर भी अनुदान के लिए पात्र होंगे।

आवेदक कृषक के पिता जीवित होने या मृत्यु के पश्चात नामांतरण के अभाव में, भू -स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में यदि आवेदक कृषक स्वयं के पक्ष में भू स्वामित्व के नोश्नल शेरधारक का प्रमाण पत्र राजस्व विभाग/हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करते हैं तो ऐसे कृषक भी अनुदान के पात्र माने जाएंगे।

आवेदन कैसे करें

कृषक ई-मित्र केंद्र पर अथवा स्वयं राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार नंबर/ एसएसओ आईडी के माध्यम से ई-प्रपत्र भरकर साथ में जमाबंदी की नकल स्कैन और अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन पर विभाग द्वारा दस्तावेजों की जांच कर कोई कमी हेतु आवेदक कोे मोबाइल नंबर पर संदेश भेजेगा जिसकी पूर्ति 15 दिवस में करनी होगी अन्यथा आवेदन स्वतः ही निरस्त हो जाएगा। कृषक अपने आवेदन की स्थिति प्रगति को ऑनलाइन ही देख सकते हैं। विभाग द्वारा ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे।

 

अनुदान

जैविक उर्वरक उत्पादन के लिए वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम रुपये 10000 प्रति इकाई आकार अनुसार यथानुपात कृषको को अनुदान देय होगा।

योजना अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण के मापदंड

वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना के लिए 20 फीट गुणा 3 फीट गुणा डेठ से 2 फीट आकार की एक बेड या 10 फीट गुणा 3 फीट गुणा डेठ से 2 फीट साईज की दो बेड की इकाई स्थापित करनी होगी। जिसके ऊपर छाया की व्यवस्था स्थानीय उपलब्ध सामग्री के अनुसार कृषक द्वारा ही की जाएगी। एक इकाई के लिए कम से कम 8 से 10 किलोग्राम केंचुए पर व्यय कृषक द्वारा ही किया जाएगा तथा प्रत्येक बेड में ट्राइकोडर्मा, पीएसबी, एजोटोबेक्टर कल्चर एवं नीम की खली का प्रयोग स्वयं कृषक के स्तर पर उपलब्धता के अनुसार किया जा सकेगा। वर्मी कंपोस्ट इकाई को कम से कम 3 वर्ष तक कृषक स्वयं के स्तर से रखरखाव किया जाएगा। वर्मी कंपोस्ट इकाई के लिए सहायक सामग्री जैसे दांतली, पंजा, झारा, पाइप,फावड़ा, परात आदि उपकरण कृषक के पास उपलब्ध होने चाहिए।

विभागीय अधिकारी एवं फील्ड स्तर पर कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक सहायक कृषि अधिकारी द्वारा कृषक द्वारा स्थापित की गई कार्यशील इकाई का कृषक एवं स्वयं भौतिक सत्यापनकर्ता की मौजूदगी में जियो टैगिंग युक्त फोटोग्राफ के उपरांत डीबीटी के माध्यम से कृषक के बैंक के खाते में अनुदान राशि जारी की जायेगी। कृषक द्वारा निर्मित संरचना पर या उसके नजदीक योजनान्तर्गत अनुदान का विवरण अंकित करना होगा। निर्माण का कार्य कृषक स्वयं के द्वारा किया जाएगा। भौतिक सत्यापन समय पर संपन्न किये जाने के लिये निर्माण के उपरांत कार्य पूर्ण होने की सूचना राज किसान सुविधा मोबाइल ऐप के माध्यम से अथवा संबंधित क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी को देनी होगी। इकाई निर्माण में प्रयुक्त सामाग्री, मजदूरी आदि समस्त व्यवस्था एवं व्यय कृषक के द्वारा किया जायेगा।

विभाग द्वारा आवेदन पत्रों का निस्तारण

प्रत्येक ब्लॉक में अधिकतम 50 कृषकों को वर्मी कंपोस्ट इकाई स्वीकृत की जाएगी। ब्लॉक वार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवेदनों का निस्तारण आवेदन पत्र के सभी बिंदुओं एवं दिए गए प्रमाण पत्र और दस्तावेजों के आधार पर किया जाएगा। पात्र आवेदनों पर प्रीवेरीफिकेशन कृषक की उपस्थिति में पूर्ण किया जाएगा तथा निर्माण से पूर्व ऐप से जिओ ट्रैगिंग कर कृषक का फोटो, खेत का नक्शा मय खसरा तथा वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण की लोकेशन आदि को अंकित कर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यहां उल्लेखित है कि आवेदन के समय अंकित खसरा में प्री वेरिफिकेशन तक आवेदक के प्रार्थना पर खसरा नंबर में परिवर्तन किया जा सकता है परंतु प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के उपरांत खसरा संख्या में परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा।

फील्ड अधिकारियों द्वारा प्री वेरीफिकेशन के उपरांत पात्र प्रस्ताव पर वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण के लिए सहायक निदेशक कृषि विस्तार उप जिला कार्यालय सिरोही द्वारा ब्लॉक वार ई आवंटित लक्ष्यों के मध्य नजर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। जिसकी सूचना कृषक को मोबाइल पर एसएमएस द्वारा तथा संबंधित सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षक द्वारा दी लायेगी। जिसके 7 दिवस के भीतर कार्य प्रारंभ करना होगा तथा इसके पश्चात 45 दिवस में कार्य पूर्ण करना होगा। विदित हो कि विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी किए जाने के उपरांत बनाई गई वर्मी कंपोस्ट इकाई पर ही अनुदान देय होगा। पूर्व में बनाई गई वर्मी कंपोस्ट इकाई पर अनुदान देय नहीं होगा।

तनेजा ने बताया कि बजट घोषणा संख्या 121 (3)की क्रियान्विती के लिए वर्ष 2024-25 में राज्य योजना/कृषि कल्याण कोष अंतर्गत गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना कार्यक्रम के तहत गोवंश से जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई का निर्माण जिले के समस्त ब्लॉक में सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कृषक श्रेणी वार सभी सहायक कृषि अधिकारियों को इसके लक्ष्य आवंटित किए जा चुके हैं। प्रत्येक ब्लॉक के लिए अधिकतम 50 वर्मी कंपोस्ट इकाइयां स्वीकृत की जाएगी। योजना संबंधी अन्य जानकारी के लिए नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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