आचार्य तीन बार आरोपी होने के बावजूद आयुक्त पद पर वापसी

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आयुक्त आशुतोष आचार्य का कार्यकाल अब तक विवादों से घिरा रहा-

विवादित कार्यकाल: सादड़ी एलईडी घोटाले और भीनमाल में एसीबी ट्रैप से जुड़े रहे
माउंट आबू में विवाद – 24 घंटे में आयुक्त बदलवाकर कार्यभार संभाला
सरकार पर सवाल – बार-बार आयुक्त बनाने की प्रक्रिया पर आलोचना
सिरोही | सिरोही नगर परिषद में राजस्व अधिकारी आशुतोष आचार्य का आयुक्त कुर्सी प्रेम किसी से छिपा नहीं है। पिछले छह सालों के कार्यकाल में बतौर आयुक्त तीन बार एपीओ हो चुके,लेकिनअब भी कुर्सी से मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। सिरोही नगर परिषद में उन्हें दो बार 15-15 दिन के लिए कार्यवाहक आयुक्त का चार्ज दिया गया और अब भी वह कार्यालय में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और महत्वपूर्ण कामकाज संभालने में व्यस्त हैं।
सादड़ी में एलईडी घोटाला, भीनमाल में एसीबी ट्रैप का दाग
सादड़ी नगरपालिका में अधिशाषी अधिकारी रहते हुए आचार्य का नाम एलईडी घोटाले से जोड़ा गया था। वहीं भीनमाल में आरओ के पद पर रहते हुए एसीबी ने उन्हें रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया एवं एसीबी की कार्रवाई में आचार्य को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।आचार्य के कार्यकाल की सबसे बड़ी विशेषता यह रही है कि पाली में तीन बार आयुक्त रहते हुए उन्हें एपीओ किया गया। नवंबर 2017 में पूर्व आयुक्त इंद्रसिंह राठौड़ के तबादले के बाद आचार्य को आयुक्त पद पर लगाया गया, लेकिन जल्द ही यह पद उनसे छिन गया।
इसके बाद अगस्त 2018 में फिर से उन्हें आयुक्त बनाया गया, लेकिन सितंबर 2019 में कांग्रेस नेताओं की शिकायतों के चलते फिर से एपीओ कर दिया गया। हालांकि, पांच दिन बाद ही एपीओ आदेश रद्द कर आचार्य को पुनः आयुक्त पद पर बिठा दिया गया। सितंबर 2020 में तीसरी बार उन्हें एपीओ किया गया।

माउंट आबू में भी हुआ विवाद –
माउंट आबू की धनी नगरपालिका में भी आचार्य का जुगाड़ चर्चा में रहा। यहां पहले से नियुक्त आयुक्त संजय देवल को महज 24 घंटे में हटाकर आचार्य ने अपना कार्यभार संभाल लिया। देवल के हटते ही नगर परिषद के हितैषी भी आचार्य का स्वागत करने में जुट गए।
आचार्य का पक्ष: निर्दोष साबित हुआ, क्लीन चिट मिली,भीनमाल एसीबी ट्रैप मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए आचार्य ने कहा, “मुझे सभी पुराने विवादों में क्लीन चिट मिल चुकी है।
सिरोही में मुझे केवल 15-15 दिन के लिए कार्यभार मिला था और अब तीसरी बार मिलने की उम्मीद है।”

सरकार की कार्यशैली पर सवाल –
आशुतोष आचार्य को सिरोही नगर परिषद में बार-बार आयुक्त बनाने पर सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य मंत्री ओटाराम देवासी का कहना है कि पाली और जालोर के मामलों की जानकारी नहीं है, लेकिन आचार्य को तीसरी बार आयुक्त का कार्यभार दिलाया जा रहा है।
आचार्य की कार्यशैली को लेकर सिरोही के पार्षदों में भी असंतोष है। नगर परिषद की बोर्ड बैठकें बुलाने के बावजूद आचार्य की अनुपस्थिति चर्चाओं में रही है।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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जवाई पुलिया हुआ खोखला, शिवगंज सुमेरपुर के बीच आवागमन हुआ प्रभावित – पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शीघ्र मरम्मत की उठाई मांग – लोढ़ा ने कहा,यह सरकार का निकम्मापन की स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी पूल का निर्माण नहीं शिवगंज। जवाई बांध से छोड़े गए प्रचुर मात्रा में पानी के कारण जवाई पुलिया की स्थिति गंभीर हो गई है। इसका अवलोकन करने के लिए सोमवार को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जवाई पुलिया पहुंचे। उन्होंने पुलिया का निरीक्षण किया और उसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। मीडिया से बातचीत में संयम लोढ़ा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूर्णतः निकम्मापन है। वर्ष 2024 में जवाई पूल के निर्माण की स्वीकृति हो गई थी, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि अब बांध से पानी छोड़ने के कारण पुलिया के अंदर की संरचना पूरी तरह खोखली हो चुकी है। नुकसान का सही आकलन तो पानी के बंद होने के बाद ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने रविवार को दावा किया था कि दो दिन में पुलिया से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन पुलिया की वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा सम्भव नहीं लगता। जवाई बांध में अभी भी भारी पानी की आवक बनी हुई है, जिससे कई दिनों तक निकासी जारी रहेगी और नदी में पानी का तेज बहाव बना रहेगा। पुलिया डेमेज होने के कारण आम नागरिकों को शिवगंज से सुमेरपुर पहुंचने में आधा घंटा अतिरिक्त समय लग रहा है। पूर्व विधायक लोढ़ा ने पीडब्ल्यूडी विभाग से सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्य शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिया के खंबे भी टूट चुके हैं, जिसका आकलन कर युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जाए, ताकि आमजन को इस कठिनाई का सामना लंबे समय तक न करना पड़े। संयम लोढ़ा ने यह भी सुझाव दिया कि पुल के निर्माण को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है, इसलिए रिवर फ्रंट साइड को नुकसान न पहुंचाते हुए रपट वाली साइड में पूल को 4 मीटर तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह रिवर फ्रंट शिवगंज-सुमेरपुर के लोगों के लिए एक प्रिय जगह बन चुकी है, अतः इसका सौंदर्य एवं उपयोगिता दोनों बरकरार रखी जाए।

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