
शिवगंज । समीपवर्ती चोटिला गांव के श्री गौतम ऋषि मंदिर के वहां नदी पर बन रहे पुलिया निर्माण को लेकर जिला परिषद के पूर्व सदस्य बाबूलाल मीणा ने बताया कि श्री गौतम ऋषि महादेव मंदिर को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुलिया निर्माण कार्य किया जा रहा वह राजस्व रिकार्ड में तरमीम रास्ते पर नहीं करवा कर जिस स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा है उस स्थान का एक भाग जो

श्री गौतम ऋषि महादेव मंदिर को जोड़ने वाला पुलिया का एक स्पेन (Span) एवं पुलिया अबर्टमेंट दिवार एवं एप्रोच सड़क वन विभाग की सीमा एवं भूमि में आता है जिसकी वन विभाग से कोई सक्षम स्तर की अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया ओर इस कार्य का तकमीना वन विभाग सिरोही की बिना जानकारी के तत्कालीन अंतरिम प्रबंध कमेटी एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग सिरोही द्वारा बनाया है एवं जो निर्माण कार्य करवाया गया है वह अवैध है एवं वन विभाग सिरोही द्वारा कार्य प्रारम्भ करवाते समय ही रूकवाया गया उसके उपरान्त भी कार्यकारणी एजेन्सी एवं तत्कालीन अंतरिम प्रबंध कमेटी द्वारा वन विभाग पर दबाव बनाकर मोखिक स्वीकृति अनुसार कार्य करवाया जा रहा है इसी प्रकार दूसरा निर्माण कार्य सबमर्सिबल पुलिया निर्माण चोटिला भागली के पास नदी पर बनाया जा रहा है यह चोटिला भागली को जोड़ने के लिए

सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा तकमीना बनाकर कार्य करवाये जा रहे हैं जो नियम विरूद्ध मूल स्वीकृति स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर नियम विरूद्ध करवाया जा रहा है जहां पूर्व में रपट का निर्माण किया हुआ है । मीणा ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गयी घोषणा एवं निर्माण कार्य का मीणा समाज के लोगो ने कई बार राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन को ज्ञापन दिये एवं उपखंड़ कार्यालय शिवगंज पर विरोध प्रर्दशन किये यहां तक मीणा समाज के लोगो ने एवं वन विभाग द्वारा भी उक्त कार्यो को रूकवाया गया परन्तु सार्वजनिक विभाग सिरोही एवं तत्कालीन अंतरिम प्रबंध समिति की मिली भगत एवं हठधर्मिता से यह अवैध निर्माण कार्य करवाये जा रहे हैं एवं मीणा समाज के लोगो के विरूद्ध को सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा मीणा पुलिस थाना पालड़ी एम. राज कार्य में बांधा डालने का मुक्कदमा भी दर्ज करवाकर समाज के लोगो पर दबाव बनाकर सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं तत्कालिन अंतरिम प्रबंध समिति मिलकर सरकारी राशि हड़पने के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है कार्यकारी एंजेसी सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं प्रस्ताव देने वाली तत्कालीन अंतरिम प्रबंध समिति द्वारा नियम विरूद्ध प्रस्ताव बनाकर करवाये गये निर्माण कार्यो को रूकवाकर अब तक व्यय की गयी राशि वसूल कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
