सुमेरपुर – शिवगंज में चल रहे अवैध नर्सिंग होम और निजी क्लीनिक जिसमें बैठते हैं सरकारी डॉक्टर

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शिवगंज – सुमेरपुर । शिवगंज सुमेरपुर में सैकड़ो निजी क्लीनिक नर्सिंग होम पैथोलॉजी रूप से चल रहे हैं इसके बारे में सरकारी डाक्टरों से स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी मांगी ।
सरकार के स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर सरकारी अस्पताल में काम करने के दौरान निजी अस्पताल में कितना समय देते हैं व कितने सरकारी डॉक्टरों के निजी अस्पताल या क्लिनिक हैं, की जानकारी मांगी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार चिकित्सा विभाग की मिली भगत से बेखौफ होकर सरकारी डॉक्टर अपना निजी हॉस्पिटल एवं क्लिनिक व अस्पताल में ही मेडिकल शॉप आदि खोलकर अपना घोरख  धंधा खुले आम चल रहे हैं। सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को डॉक्टर निजी क्लिनिक में इलाज कराने को कहते हैं जबकि वो क्लीनिक उन्हीं डॉक्टर के होते हैं। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अधिकारियों को होने के बावजूद भी धड़ल्ले से चल रहे है।

क्या है नियम : विभाग से मिली जानकारी के अनुसार

सरकारी अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टर अपने पंजीकृत व गैर पंजीकृत क्लिनिक , मेडिकल शॉप पर व निजी हॉस्पिटल में मरीज का इलाज नहीं कर सकते हैं। और नहीं अपने क्लीनिक व अस्पताल का विज्ञापन प्रचार प्रसार नहीं कर सकते। साथ ही सरकारी अस्पताल के आधे किलोमीटर परिधि तक किसी भी प्राइवेट अस्पताल की सुविधा नहीं रहनी चाहिए। सरकारी अस्पताल में राज्य सरकार के नियम के अनुसार सरकारी डॉक्टर की प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। नियमों के आधार पर कोई भी सरकारी डॉक्टर निजी नर्सिंग होम क्लिनिक पैथोलॉजी लैब में सेवा नहीं दे सकता है। लेकिन अधिकांश डॉक्टर प्राइवेट निजी क्लीनिक में अस्पताल समय के बाद देते नजर आते हैं। और सरकार द्वारा दिए जाने वाले एनपीए का भी फायदा उठा रहे हैं।अगर वह किसी व्यक्ति विशेष क्लिनिक नर्सिंग होम में बैठते हैं तो उसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से विभाग को देनी होगी। विभाग द्वारा दिये गये नियम का उल्लंघन कर पर डॉक्टर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
शिवगंज सुमेरपुर दोनों शहरों में सैकड़ो प्राइवेट नर्सिंग होम, क्लिनिक, पैथोलैब, निजी हॉस्पिटल, चल रहे हैं। उसमें एक-दूसरे डॉक्टरों का नाम एक-दूसरे क्लिनिक, नर्सिंग होम व अस्पताल के बोर्ड में लगाये गये हैं। निर्धारित समय पर निर्धारित डॉक्टरों द्वारा मरीज का इलाज किया जाता है।

राजस्थान टीवी 24 चैनल की टीम शीघ्र ही निजी क्लीनिक नर्सिंग होम अस्पताल की प्रचार – प्रसार विज्ञापन सहित जानकारी विभाग को पेश करेगी।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

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जवाई पुलिया हुआ खोखला, शिवगंज सुमेरपुर के बीच आवागमन हुआ प्रभावित – पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने शीघ्र मरम्मत की उठाई मांग – लोढ़ा ने कहा,यह सरकार का निकम्मापन की स्वीकृति के डेढ़ साल बाद भी पूल का निर्माण नहीं शिवगंज। जवाई बांध से छोड़े गए प्रचुर मात्रा में पानी के कारण जवाई पुलिया की स्थिति गंभीर हो गई है। इसका अवलोकन करने के लिए सोमवार को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जवाई पुलिया पहुंचे। उन्होंने पुलिया का निरीक्षण किया और उसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से फोन पर बात कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। मीडिया से बातचीत में संयम लोढ़ा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूर्णतः निकम्मापन है। वर्ष 2024 में जवाई पूल के निर्माण की स्वीकृति हो गई थी, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद आज तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि अब बांध से पानी छोड़ने के कारण पुलिया के अंदर की संरचना पूरी तरह खोखली हो चुकी है। नुकसान का सही आकलन तो पानी के बंद होने के बाद ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने रविवार को दावा किया था कि दो दिन में पुलिया से आवागमन शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन पुलिया की वर्तमान स्थिति देखकर ऐसा सम्भव नहीं लगता। जवाई बांध में अभी भी भारी पानी की आवक बनी हुई है, जिससे कई दिनों तक निकासी जारी रहेगी और नदी में पानी का तेज बहाव बना रहेगा। पुलिया डेमेज होने के कारण आम नागरिकों को शिवगंज से सुमेरपुर पहुंचने में आधा घंटा अतिरिक्त समय लग रहा है। पूर्व विधायक लोढ़ा ने पीडब्ल्यूडी विभाग से सर्वोच्च प्राथमिकता पर कार्य शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिया के खंबे भी टूट चुके हैं, जिसका आकलन कर युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जाए, ताकि आमजन को इस कठिनाई का सामना लंबे समय तक न करना पड़े। संयम लोढ़ा ने यह भी सुझाव दिया कि पुल के निर्माण को चौड़ा करने का निर्णय लिया गया है, इसलिए रिवर फ्रंट साइड को नुकसान न पहुंचाते हुए रपट वाली साइड में पूल को 4 मीटर तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यह रिवर फ्रंट शिवगंज-सुमेरपुर के लोगों के लिए एक प्रिय जगह बन चुकी है, अतः इसका सौंदर्य एवं उपयोगिता दोनों बरकरार रखी जाए।

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