पुलिस उप अधीक्षक वर्मा की टीम ने तीन दिन में ही किया हत्याकांड का खुलासा

शिवगंज 9 जनवरी । शहर के शीतला माता चौक समीप सुथारों के वास में रविवार 5 जनवरी को लाठी सरियों से मारपीट कर शेखर दमामी की हत्या के मामले में शिवगंज पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया हैं। जिसमें से गुख्य मुख्य आरोपी भावेश कुमार को घटना के दिन ही पाली जिले के सांडेराव से तो अन्य तीन फरार आरोपी भरत, गौतम और सचिन कुमार को 7 जनवरी को 3 दिन में गुजरात के इकबालगढ़ से दस्तयाब किया गया। पुलिस उप अधीक्षक पुष्पेन्द्र वर्मा ने बताया कि 5 जनवरी 2025 की शाम सूचना मिली कि शहर के सुथारो का वास में एक युवक शेखर कुमार दमामी खाडियावास के साथ भावेश पुत्र जोगाराम, भरत पुत्र जोगाराम, गौतम पुत्र प्रेमाराम एवं सचिन पुत्र कुपाराम ने स्कूटी पर जा रहे शेखर देवाराम कलावंत के साथ लाठी सरियों से मारपीट की। उसके बाद में आरोपियों ने गंभीर रूप से घायल शेखर दमामी का अपहरण कर उसे मोटरसाइकिल पर साथ ले गए। फिर बड़गांव से देवली जाने वाले रास्ते पर ले गए और उसके सिर पर लोहे की रॉड से गंभीर मारपीट कर पटक कर चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों की सूचना पर 108 एंबुलेंस के माध्यम से गंभीर घायल अवस्था में शेखर को शिवगंज स्थित जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उपचार के दौरान उसे मृत घोषित किया।
आपसी रंजिश में की हत्या
कुछ दिन पूर्व ही मृतक शेखर दमामी ने किसी बात को लेकर जवांई नदी के समीप भावेश कुमार के साथ मारपीट की थी। जिसके चलते इन दोनों में आपसी रंजीश चल रही थी। भावेश ने अपने साथ हुई मारपीट का बदला लेने के चलते तीन अन्य दोस्तों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था।
पुलिस उपाधीक्षक वर्मा की हो रही प्रशंसा
5 जनवरी को घटित घटना से शहरवासियों में पुलिस के प्रति जो रोष व्याप्त था। उसे पुलिस उप अधीक्षक पुष्पेन्द्र वर्मा और उनकी टीम ने मात्र 3 दिन में हत्या की घटना का पर्दाफाश कर लोगों में पुलिस की छवि को कायम रखा। सोशल मीडिया के माध्यम से शहरवासियों ने पुलिस डिप्टी पुष्पेन्द्र वर्मा की खुब प्रशंसा की है।
चारों आरोपियों को भेजा जेल
शेखर दमामी के अपहरण और उसके बाद की गई हत्या में शामिल चारों आरोपियों को सेशन कोर्ट में किया गया। जहां कोर्ट के आदेश पर इन चारों आरोपियों को जेल भेजा गया हैं। अपहरण और हत्या के प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ और बरामदगी पूरी हो चुकी हैं। जिसके कारण पुलिस को इन आरोपियों को रिमांड पर लेने की आवश्यकता नहीं रही ।
