Search
Close this search box.

लिव-इन में रहने पर पति से नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, जोधपुर फैमिली कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज की, खुद को बताया था बेसहारा

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

जोधपुर। लिव-इन में रहने वाली शादीशुदा महिला को उसके पति से गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा। जोधपुर फैमिली कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। मामले में कोर्ट ने कहा- दूसरे व्यक्ति की ओर से महिला का खर्चा उठाए जाने के साक्ष्य मौजूद है। ऐसे में महिला को पहले पति से भरण-पोषण पाने का अधिकार नहीं है। ऐसे में पारिवारिक कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी दलपत सिंह राजपुरोहित ने महिला की ओर से पति से भरण-पोषण दिलाए जाने की मांग को खारिज कर दिया है।

घरेलू हिंसा का परिवाद किया था पेश

जोधपुर के सूंथला निवासी एक महिला ने पारिवारिक कोर्ट में घरेलू हिंसा का परिवाद पेश किया था। महिला ने कहा था कि वह लंबे समय से पति से अलग रह रही है। नागौर के कुचेरा निवासी उसके पति का होलसेल का अच्छा खासा व्यापार है और महीने में करीब 1.25 लाख रुपए कमा लेता है। उसे 30 हजार रुपए मासिक भरण-पोषण दिलाया जाए।

लिव-इन रिलेशनशिप में रहती

महिला के पति के वकील हेमंत बावेजा ने कोर्ट में दलील दी कि पत्नी बिना तलाक लिए अन्य व्यक्ति के साथ लिव-इन में रह रही है। महिला और उसकी बेटी का पूरा खर्चे भी लिव-इन में रहने वाले व्यक्ति द्वारा उठाया जा रहा हैं। इसकी स्वीकारोक्ति स्वयं महिला ने दौसा एसपी को लिखित में दिया था, जिसमें पुलिस ने धारा 494 भादंस के केस में राजकुमार नामक व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप में रहना पाया है। उस प्रकरण में खुद महिला ने भी संबंधित कोर्ट में हुए बयानों में भी लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकार किया और उसका खर्च राजकुमार उठा रहे हैं।

महिला बोली- वह पीहर पक्ष पर आश्रित

वहीं, पति से भरण-पोषण की मांग करते हुए दायर परिवाद में महिला ने कहा कि वह न तो कोई काम धंधा जानती है और न ही व्यवसाय करती है। वह पीहर पक्ष पर आश्रित है और पीहर पक्ष की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पीहर पक्ष लंबे समय तक उसका भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं है। वह खुद पीहर पक्ष पर ज्यादा दिनों तक बोझ नहीं बने रहना चाहती है। ऐसे में उसे पति से 30 हजार रुपए मासिक अंतरिम भरण-पोषण दिलाया जाए।

Rajasthan Tv 24
Author: Rajasthan Tv 24

Leave a Comment

और पढ़ें