
– उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की हार-जीत • से तय होगा मंत्रीमंडल व नेताओं का भविष्य
जयपुर । राजस्थान विधानसभा उप चुनाव के लिए भाजपा ने सात में से छह सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ व प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल उपचुनाव की सभी सीटों पर जीत के दावे किए है, लेकिन पिछली विधानसभा चुनाव में इनमें से छह सीटों पर भाजपा हार गई थी। अब भाजपा ने ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने के लिए रणनीति तैयार की है। हर सीट पर दो मंत्री व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी जाएगी।

वहीं हर मंडल पर विधायक को रणनीति बनाने के लिए लगाया जा रहा है। भाजपा ने तीन महीने पहले ही प्रभारी के तौर पर मंत्रियों व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी थी। लेकिन अब इस सीटों पर मंत्री बदले जा रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर मंत्री को मतदान तक फील्ड में रहने को कहा गया है। भाजपा प्रत्याशियों की हार जीत से मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान मंत्रियों का भविष्य व विभाग तय होंगे। वहीं संगठन में पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी देने का फैसला भी उपचुनाव के परिणामों से तय होगा। सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां भी पदाधिकारियों की रणनीति क्षमता व मेहनत से तय होगा।
हर मंडल पर एक विधायक को जिम्मेदारी
विदेश यात्रा से लौटने के बाद भाजपा प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपचुनाव को लेकर प्रत्याशियों व मंत्रियों से चर्चा की। इस दौरान जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर सहित अन्य नेता मौजूद रहे। विधायकों को कार्यकर्ताओं व समाजों की बैठक लेने के लिए कहा है।
*तीन महीने से ये मंत्री और नेता कर रहे है काम*
खींवसर जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी व जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया, विधायक बाबू सिंह राठौड़ व प्रवक्ता अशोक सैनी।
झुंडानं मंत्री सुमित गोदारा व अविनाश गहलोत, प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी व विधायक गोवर्धन वर्मा। दौसा डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, पूर्व मंत्री अरूण चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी। देवली उनियाराः पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गोठवाल व ओमप्रकाश भड़ाना।
चौरासी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, विधायक श्रीचंद कृपलानी, उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा, प्रदेश मंत्री मिथलेश गौतम, महेश शर्मा।
भाजपा ने जुलाई के पहले सप्ताह में उपचुनाव वाली सीटों पर प्रभारी लगा दिए थे, लेकिन चुनावों की तारीख घोषणा के बाद प्रदेश नेतृत्व प्रभारियों में बदलाव कर रहा है। कई मंत्रियों व पदाधिकारियों को बदलाव की मौखिक सूचना दे दी गई। अब हर विधानसभा सीट पर दो मंत्री प्रभारी के तौर पर काम करेंगे। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही हर मंडल पर एक विधायक को जिम्मेदारी दी जाएगी। मंडलों पर जातीय प्रभाव रणनीति बनाने के लिए कहा जा रहा है।
