वेरा जेतपुरा के ग्रामीणों ने सरपंच पर पीएम आवास निर्माण में पांच-पांच हजार रुपए वसूलने लगाया आरोप
वेरा जेतपुरा के नागरिकों ने आरोपों की जांच के लिए सीएम और कलेक्टर को भेजी थी शिकायत
शिवगंज 3 जनवरी 25 । शिवगंज उपखंड के ग्राम पंचायत वेरा जेतपुरा के सरपंच द्वारा प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्यों में 5-5 हजार रुपए वसूलने से नाराज ग्राम वेरा जेतपुरा के नागरिकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव व कलक्टर सिरोही को जांच व कार्रवाई के लिए ज्ञापन भेजा था। ज्ञापन में सरपंच करणसिंह पर प्रधानमंत्री आवास, रोड लाइट, आरओ व स्वच्छ भारत मिशन समेत विभिन्न निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। जिला परिषद के सीईओ ने इस पर कार्रवाई करते हुए जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है।
ज्ञापन देने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उप सचिव (द्वितीय) की ओर से ग्राम पंचायत वेरा जैतपुरा के सरपंच करण सिंह के विरुद्ध जांच के लिए संभागीय आयुक्त को पत्र लिखा। जिला परिषद सिरोही के सीईओ प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने भी गजेंद्र सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह जाति राजपूत की शिकायत पर सरपंच करण सिंह के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है।
- निष्पक्ष जांच करने के बाद दोषी होने पर कार्रवाई होगी
- वेरा जैतपुरा पंचायत सरपंच के विरुद्ध आई शिकायतों की जांच करने के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। मामले में जांच चल रही है। निष्पक्ष जांच करने के बाद करवाई जाएगी। – प्रकाश चंद्र अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद सिरोही
जांच कमेटी में जिला परिषद के अधिशासी अभियंता राजीव छाजेड़, अतिरिक्त विकास अधिकारी पुखराज पुरोहित व पंचायत समिति सिरोही के सहायक लेखाकार प्रथम ईश्वर सिंह को शामिल किया है।
ग्रामीणों ने लगाए आरोप : वेरा जैतपुरा निवासी गजेंद्र सिंह व अन्य नागरिकों की ओर से भेजे गए ज्ञापन में बताया कि सरपंच करणसिंह पर न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है।
इसके बावजूद सरपंच चुनाव में झूठा शपथ-पत्र देने, गांव में लगवाई रोड लाइट व विभिन्न विद्युतीकरण कार्य में टेंडर प्रक्रिया में धांधली करने, सीसी सड़क व विद्यालय में कमरों के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री उपयोग करवाने से छत गिरने की संभावना होने और उनसे कभी भी जनहानि होने, सीमेंट कट्टे बाहर भेजने, सोसाइटी की जमीन पर पट्टे जारी कर भ्रष्टाचार करने, गलत पास जारी किए पट्टों को निरस्त करवाने, एनिकट और रपट के निर्माण कार्य में जी शेड्यूल के अनुसार कार्य नहीं होना रोड की थिकनेस तकनीमा अनुसार नहीं होना व सीमेंट कंक्रीट का उपयोग कम और बजरी मापदंड अधिक डालना , प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्वीकृति के लिए नागरिकों से 20-20 हजार रुपए व शौचालय निर्माण में 5-5 हजार रुपए वसूलने, आरओ के लिए कम गहराई का बोरवेल खुदवाने, स्वच्छता भारत मिशन के बजट का दुरुपयोग करने व गली मोहल्ले में कचरा व गंदगी पड़ी रहने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सीसी रोड की कोर कटिंग कराई जाए तो माजरा ही कुछ और निकलेगा कि इसमें कितना भ्रष्टाचार हुआ है।
