- पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढा की अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग से दूरभाष पर हुई वार्ता से हुआ खुलास
- केन्द्र सरकार की ओर से राशि नहीं मिलने की वजह से पांच पखवाडे से मजदूरों को नहीं मिला पैसा

शिवगंज। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य पर जुटे प्रदेश के लाखों मजदूरों को पिछले पांच पखवाडे से मजदूरी का पैसा नहीं मिल पाया है। जबकि मनरेगा कानून के मुताबिक मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान पखवाडा खत्म होने के दस दिन के भीतर करने का प्रावधान है। इस बात का खुलासा बुधवार को उस समय हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार एवं पूर्व विधायक राडबर गांव के समीप मनरेगा मजदूरों ने उन्हें भुगतान नहीं होने की जानकारी दी। मजदूरों को पांच पखवाडे से भुगतान नहीं होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने जब ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा से दूरभाष पर बात की तो पता चला कि केन्द्र सरकार की ओर से मनरेगा मजदूरों के भुगतान की राशि नहीं मिलने की वजह से यह िस्थति हुई है। हालांकि उन्होंने पूर्व विधायक को आश्वस्त किया है कि अप्रैल माह में मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार बुधवार को पूर्व विधायक लोढा उपखंड के राडबर गांव में आयोजित किसी कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। वहां से लौटते समय मनरेगा कार्य स्थल पर कार्य कर रहे मजदूरों से हालचाल जानने के लिए रूके। इस दौरान श्रमिकों ने लोढा को बताया कि उन्हें पिछले पांच पखवाडे से मजदूरी का भुगतान नहीं मिला है। जिस पर लोढा ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से फोन पर बात कर वास्तविकता जाननी चाही तो बताया गया कि यह सही है कि मजदूरों को पांच पखवाडे से भुगतान नहीं मिला है। यह स्थिति केवल सिरोही जिले की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में है। इसके बाद लोढा ने जिला कलक्टर से बात करनी चाही तो वे किसी मिटींग में व्यस्त थी। आखिरकार लोढा ने मनरेगा कार्य स्थल से ही ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त् मुख्य सचिव श्रेया गुहा से दूरभाष पर वार्ता कर मजदूरों को भुगतान नहीं होने की जानकारी दी। उन्होंने लोढा को बताया कि दरअसल केन्द्र सरकार की ओर से मनरेगा के तहत जो राशि मिलती है वह किसी कारणवश राज्य सरकार को नहीं मिल पाई है। इस वजह मजदूरों को पूरे प्रदेश में मजदूरी का भुगतान नहीें हो सका है। हालाकि उन्होंने लोढा का आश्वस्त किया कि अप्रैल माह में मजदूरों को भुगतान कर दिया जाएगा।
पखवाडा खत्म होने के दस दिन में भुगतान का है प्रावधान
मनरेगा कानून के तहत पखवाडा खत्म होने के दस दिन के भीतर मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान करने का प्रावधान है। अन्यथा मजदूरों को अतिरिक्त मजदूरी दी जानी चाहिए। बावजूद इसके एक नहीं पांच पखवाडे से मजदूरों को भुगतान नहीं मिल सका है। ऐसे में होली और शीतला सप्तमी जैसे पर्व पर मजदूरों को अपनी मजदूरी से वंचित होना पडा है।
मनरेगा कानून की धज्जियां उडा रही सरकार
इस मामले को लेकर पूर्व विधायक ने अपने एक्स हैंडल पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को टेग करते हुए लिखी पोस्ट में केन्द्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने का हवाला देते हुए तंज कसा है कि पूरे प्रदेश में नरेगा मजदूरों को पांच पखवाडे से मजदूरी का भुगतान नहीं मिल रहा है। आपसे आग्रह है कि मेहरबानी करके गरीब मजदूरों पर तरस खाए और उन्हें उनकी मेहनत की मजदूरी का भुगतान जल्द ही सुनिश्चत करें। लोढा ने केन्द्र व प्रदेश सरकार पर मनरेगा कानून की धज्जियां उडाने का भी आरोप लगाया है।
