लोढ़ा ने विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लिया भाग

सिरोही। पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढा ने कहां कि विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन का मकसद आदिवासी अस्मिता, आदिवासी संस्कृति का संरक्षण करना और आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करना पडा। इसके माध्यम से आदिवासियों की समस्याएं संकलित हो और उनके समाधान के रास्ते खोजे जाए। यह पूरी दुनिया में संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर मनाया जाने लगा है। व्यक्ति का जन्म कैसी भी परिस्थिति में हो अपने पुरषार्थ से वह अपनी मंजिल पा सकता है और लोगो के लिए भी उत्थान तरक्की का माध्यम बन सकता है। दुनिया में अनेकानेक लोग ऐसे हुए है जिन्होने दलित आदिवासी समाज में जम लिया, विपरित परिस्थितियों में जम लिया, हर तरह के शोषण का सामना किया लेकिन अपने काम के बल पर पूरे राष्ट में उजाले का प्रतीक बन गये। लोढा भील समाज की ओर से आल्पा ग्राम पंचायत में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढा ने कहां कि भील समाज का भी देश के हित में बहुत बडा योगदान है। मेवाड के महाराणा राणा प्रताप जब युद्व भूमि में नही थे तो उनके पीछे मुगलो से पूरी लडाई राणा पूंजा भील के नेतृत्व में लडी गई है। उनके योगदान को हम कभी नही भूल सकते है। भगवान राम जब वनवास गये तो भगवान कोई जहरीला फल नही खा ले तो सबरी माताजी ने एक एक फल को पहले स्वयं ने चखकर भगवान राम को दिया। ऐसे अनगिनत उदाहरण भारत के इतिहास में मौजूद है। लोढा ने कहां कि बिरसा मुंडा महान क्रांतिकारी सिर्फ 25 वर्ष जिये लेकिन इस अल्पायु में उन्होंने अपना जीवन सार्थक कर दिया। हमारे बच्चो के लिए बिरसा मुंडा एक संघर्ष का प्रतीक बन गये। आदिवासी समाज को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। खासतौर पर बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आज आम्बेश्वरजी, सिरोही व शिवगंज में समाज की बालिकाओं के लिए सरकारी छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। माता पिता को चाहिए कि उसमें बालिकाओं को भर्ती करे ताकि वह शिक्षा की मुख्य धारा से जुड सके। अफसोस की बात है कि आदिवासी समाज की बच्चियां छात्रावास में प्रवेश नही ले रही है, समाज में यह जागृति आनी अत्यंत आवश्यक है ताकि बालिका शिक्षा को बढावा मिल सके। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में अनिता राणा, वर्षा कुमारी, ललिता कुमारी, अंजली कुमारी अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर सरूपाराम भील, जयपाराम भील, किरण भील, दिनेश भील, श्रवण भील, छोगाराम भील, पीराराम भील, निम्बाराम भील, आलपा सरपंच नारायण रावल, पूर्व सरपंच रताराम देवासी, अरठवाडा सरपंच मुकेश भील, रोवाडा सरपंच परबत सिंह, धनाराम देवासी, गणेश मीणा सहित अन्य समाज के लोग उपस्थित थे।
